: जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को बॉम्बे हाईकोर्ट से मेडिकल बेल मिल गई है. आज मुश्किलों से जूझ रहे नरेश गोयल की कभी तूती बोलती थी. फोर्ब्स ने गोयल को भारत का 16वां सबसे अमीर शख्स बताया था.
मुंबई. सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर 2024 को जेट एयरवेज (Jet Airways) की संपत्ति बेचने का आदेश दिया था. अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (11 नवंबर) को जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल (Naresh Goyal) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेडिकल बेल दे दी. गोयल को यह जमानत मेडिकल बेसिस पर दी गई है. इस साल मई महीने में जस्टिस एनजे जामदार की सिंगल बेंच ने गोयल को मेडिकल बेसिस पर अंतरिम जमानत दी थी. जस्टिस जामदार ने सोमवार को अंतरिम जमानत को स्थायी जमानत में बदलने का आदेश दिया.
75 वर्षीय गोयल कैंसर से पीड़ित हैं और इलाज के लिए उन्होंने जमानत देने का अनुरोध किया था. ईडी ने गोयल को सितंबर 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने आरोप लगाया था कि कैनरा बैंक से जेट एयरवेज को मिले 538.68 करोड़ रुपये का गबन कर मनी लॉन्ड्रिंग किया गया.
अर्श से फर्श पर आने वालों के जब भी नाम लिए जाते हैं, उनमें नरेश गोयल का नाम भी आते हैं. एक समय था, जब एयरलाइन की दुनिया के वह बेताज बादशाह थे. इनके नाम की तूती बोलती थी. भारतीय आसमान में उनके विमान एयर इंडिया को टक्कर देते थे. जेट एयरवेज के 2005 के आईपीओ के बाद फोर्ब्स ने गोयल को 1.9 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ भारत का 16वां सबसे अमीर शख्स बताया था. मगर आज वक्त ऐसा है कि जमानत मांगनी पड़ रही है.
1974 में शुरू किया था ट्रैवल बिजनेस
साल 1974 में उन्होंने अपनी मां से करीब 52 हजार रुपए लेकर अपना ट्रैवल बिजनेस शुरू किया और नाम रखा जेट एयर. साल 1990 में उन्होंने जेट एयरवेज की शुरुआत की और कई विमानों के साथ साल 1993 में आधिकारिक तौर पर एयरलाइन की दुनिया में कदम रख दिया. इनकी कंपनी के विमान देश से लेकर विदेश तक उड़ान भरते थे और कुछ साल पहले तक इनके विमानों की संख्या 100 से ऊपर थी. मगर कर्ज के बोझ तले दबकर कंपनी साल 2019 में बंद हो गई.
मुश्किलों में बीता बचपन
गोयल का जन्म साल 1949 में पंजाब के संगरूर में हुआ था. गोयल जब बच्चे थे, तभी उनके सिर से पिता का साया हट गया था. उनका बचपन काफी गरीबी में बीता. उनके परिवार की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें अपने घर की नीलामी करनी पड़ गई थी और किसी तरह अपने मामा के घर गुजारा करना पड़ा था